Tuesday, July 7, 2020

सावन में क्या खाना चाहिए


  • सावन का व्रत कितना फायदेमंद होता है             



व्रत रखना वैज्ञानिकों के अनुसार फायदेमंद है पर व्रत के साथ-साथ शारीरिक क्षमता भी होनी चाहिए व्रत आपकी शारीरिक क्षमता पर निर्भर करता है शारीरिक क्षमता व आपकी आस्था के ऊपर निर्भर है अगर आपकी उम्र ज्यादा है तो व्रत रखने में डॉक्टरों की सलाह जरूर लेनी चाहिए अगर डॉक्टर आपको शरीर के अनुसार व्रत रखने की सलाह दें तो ही व्रत रखें लोगों का मानना है कि व्रत रखना जरूरी है लेकिन आज के इस युग में बीमारी का पता नहीं है और बीमारी के अलावा अगर आपका शरीर भी कमजोर है तो भी व्रत चिकित्सक की देखरेख में ही करें
 व्रत कैसे करें
आज सभी मानव समाज शिक्षित है पूरे मानव समाज को चाहिए कि धार्मिक अनुष्ठान के अनुसार व्रत कैसे करें वैसे तो व्रत का मतलब खाना खाने से नहीं है वर्क का मतलब है प्रण करना प्रतिज्ञा करना
सावन का व्रत कितना फायदेमंद है सावन का  व्रत बहुत फायदेमंद है अगर मनुष्य जरा सी सोच रखता हो तो व्रत का मतलब होता है पर ऑन करना प्रतिज्ञा करना हमें प्रतिज्ञा करनी है कि हम प्रकृति से कभी खिलवाड़ न करें प्रकृति को साफ सुथरी रखें पर्यावरण को प्रदूषित में करें जिससे प्राणियों को जटिल बीमारियों का सामना नहीं करना पड़े उस समय पर वर्षा हो और सतयुग जैसा माहौल  पृथ्वी पर बने  
बिल्कुल भोजन ना करने को वर्तमान ना मूर्ख लोगों की सोच है
  




सावन में शास्त्र अनुकूल साधना करें 
पढ़े लिखे लोगों को शास्त्र अनुकूल साधना करनी चाहिए हमारे सभी धर्म ग्रंथों में पुराणों में वेदों में क्या लिखा है उसका गहनता से अध्ययन करना चाहिए क्या परमात्मा की प्राप्ति के लिए श्रावण में व्रत रखने से व भोजन ना करने से ही ईश्वर की प्राप्ति हो सकती है यह सब हमारे धार्मिक सद ग्रंथों में वर्णित है जी हां मैंने संत रामपाल जी महाराज का सत्संग टीवी पर देखा है और उनकी लिखित किताबें पढ़ी है उन किताबों में ईश्वर प्राप्ति के बहुत अच्छे समाधान बताए गए हैं ईश्वर प्राप्ति के लिए हम देखा देखी भक्ति करते हैं इससे न तो हमें कोई मोक्ष मिलता और न ही किसी प्रकार की बीमारी का और पापों का नाश होता क्योंकि बीमारियां पिछले जन्म के संस्कारों के कारण ही आती है पिछले जन्म का कोई पाप फलता है तो हमारे घर में बीमारी दुख कलेश महामारी जैसे संकट हमारे ऊपर आते हैं  संत रामपाल जी महाराज ने सभी ग्रंथों को खोलकर बता दिया कि वह परमात्मा कबीर देव है कबीर देव सभी ब्रह्मडों  के ऊपर निवास करते हैं वे मानव जैसे ही हैं बहुत बड़े मकान में अपने घर में रहते हैं वहां के लोक की शोभा  अवर्णित है कहने का तात्पर्य है कि उस लोक की जितनी महिमा की जाए उतना ही कम है वह लोक बहुत सुंदर है वह परमात्मा भी बहुत सुंदर है और वह परमात्मा चारों युगों में आते हैं इस समय वह कबीर परमात्मा संत रामपाल जी महाराज के रूप में पृथ्वी पर आए हुए हैं सिर्फ हमें पहचानने की जरूरत है और पहचाना ज्ञान से जा सकता है हम उनकी किताबों को पढ़ें  और ज्ञान को समझेंगे तो हम आसानी से उस परमपिता को पहचान सकते है 

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