Friday, February 25, 2022

Marriage

संत रामपाल जी के शिष्य करतहै दहेज रहित शादी बिना किसी आडम्बर के बिना किसी दिखावे के एक तरफ लोगो के लाखो रूपये का दहेज देने के बावदूद भी बेटीयो को सम्मान नही मिलता उनको प्रडताडित किया जाता है बेटी के पिता का सबकुछ लुट जाने के बाद भीदामाद खुश नही रहता है बेटी दुखी रहती है या यूं कहें कि दहेज ही अशांति का कारण है अब संत रामपाल जी महाराज के शिष्य थे दहेज को समाज से खत्म करने का बीड़ा उठाया है अपने गुरु की वाणी पढ़कर सिर्फ 17 मिनट में शादी कर रहे हैं यह समाज के लिए बहुत अच्छी पहल है इससे बडा असर होगा

Wednesday, August 5, 2020


  • Gnash Puja     गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार भारत के विभिन्न भागों में मनाया जाता है किन्तु महाराष्ट्र में बडी़ धूमधाम से मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार इसी दिन गणेश का जन्म हुआ था।गणेश चतुर्थी पर हिन्दू भगवान गणेशजी की पूजा की जाती है। कई प्रमुख जगहों पर भगवान गणेश की बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाती है।  असल में कहा जाता है कि किसी भी प्रकार के पूजन अनुष्ठान आदि में विघ्नों और बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए गणेश जी का पूजन करना आवश्यक है। कहा जाता है कि इससे इनकी कृपा प्राप्त होती है।
  • गणेश जी की पूजा सर्वप्रथम क्यों की जाती है  पौराणिक कथा है सभी देवताओं में यह इच्छा हुई कि सबसे पहले किसकी पूजा होनी चाहिए तभी सभी देवता भगवान शंकर के पास गए भगवान शंकर ने कहा कि जो सबसे पहले पृथ्वी के चक्कर लगाकर आएगा उसकी पहले पूजा होगी भगवान गणेश अपने माता-पिता के चक्कर लगाकर और कहा कि मैंने पूरी पृथ्वी घूम ली है उसकी बुद्धि और चतुराई से उसकी पहले पूजा होने लगी और सभी देवता पृथ्वी के चक्कर काटने चले गए इसलिए उनकी पूजा बाद में होती है
  • क्या गणेश जी की पूजा से लाभ होता है  कहा जाता है  गणेश भगवान की  पूजा करने से साधक को विशेष लाभ होता है  पर  क्या कभी  हमने  हमारे  शास्त्रों को पढ़ कर देखा है  नहीं  क्योंकि  हम तो पढ़े लिओखे हो कर भी  सच्चाई को नहीं जानना चाहते हैं  भगवान ने  हमें शिक्षा  इसीलिए जी है  कि हम  शास्त्रों में लिखें  गूढ़ रहस्य  और  शास्त्रों में लिखी  सत्य कथाओं को समझ सके  और सुनी सुनाई  दंत कथाओं को  सत्य नामांकन  सत्य के मार्ग पर  चलकर  शास्त्र  अनुरूप साधना करें  शास्त्र अनुकूल साधना करें  लेकिन आज कााा मानव भगवान प्राप्ति के लिए  शास्त्रों को नहीं पड़ता  और  दुनियादारी के काम के लिए शास्त्रों को मैं पढ़ कर किताबी ज्ञान खूब पड़ताा है किताबी ज्ञान से उसे संसार में मान सम्मान वह नौकरीी धंधा व्यवसाााय मिल जाता लेकिन आज का मानव भगवाान को  पाना  ही नहीं  करना चाहता है   
  • गणेश प्राप्ति का विधान  कहते हैं किसी भी इष्ट देव की पूजाकरने के लिए व उसकी प्राप्ति के लिए गुरु बनाना जरूरी गुरु पूराा होना चाहिए उसे सभी शास्त्रों का ज्ञान  होनााचाहिए  वर्तमान  समय में संंत रामपालजी पूर्ण  गुरु हैं 
  • संत कबीर   के ज्ञान आदर्शश पर चलते हुए संत रामपाल जी महाराज ने सभी शास्त्रों को खोल कर बता दिया है सभीी देवताओं पूजा शास्त्र अनुकूूूूूल करनी चाहिए जिससे वे अधिक लाभ देते हैं भगवान गणेश जी का एक मूल मंत्र है जो पूरे संसार में संत रामपाल जी महाराज के पास है वह मूल मंत्र जिससे भगवान गणेश जी अति प्रसन्न होते हैं वैसे तो संत रामपाल जी महाराज के  पास सभी भगवानों के मूल मंत्र है जिससे वे अति प्रसन्न होकर साधक को बिना  मांगेे  फल देते  हैं 
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  • क्या भगवान गणेश जी से मोक्ष संभव है वैसे तो किसी भी इष्ट देव की पूजा मोक्ष प्राप्ति के लिए करते हैं लेकिन क्या गणेश जी की पूजा करने से सांसारिक लाभ के साथ साथ मोक्ष भी संभव है कि नहीं गणेश जी की पूजा करने से पूर्ण मोक्ष संभव नहीं है पूर्ण मोक्ष से तो उसे पारब्रह्म की भक्ति से ही संभव है 

  • पूर्ण मोक्ष कैसे हो पूर्ण मोक्ष तो उस पारब्रह्म की भक्ति से ही होगा उसे पारब्रह्म का नाम वेदों में कबीर साहेब बताया गया है कबीर साहेब की महिमा चारों वेद गाते हैं कबीर साहेब की महिमा ही सभी ग्रंथों में और सभी धार्मिक ग्रंथों में और सभी धर्मों में बताई गई है वह कबीर साहेब पूरे संसार का जनक है बाइबिल में प्रमाण है सूरजपुर का ने 52 से 59 तक जिस परमात्मा से पूरे संसार की उत्पत्ति हुई है उस परमात्मा का नाम कबीर है जिसे परमात्मा ने आकाश और पृथ्वी के बीच जो कुछ भी है उसको 6 दिन में बना करें सातवें दिन अपने सिंहासन बैठकर विश्राम किया इससे यह भी सिद्ध होता है कि वह परमात्मा साकार है मनुष्य जैसा है निराकार नहीं है और उसका नाम कबीर है वह परमात्मा बड़े से बड़े पाप कर्म को काट सकता है और साधक को पूर्ण सुख दे सकता है अगर साधा के  मृत्यु के समीप पहुंच गया हो  उसका जीवन का अंत हो गया हो तो वह पूर्ण परमात्मा  अपने सादिक की आयु बढ़ाकर उसे 100 वर्ष की आयु प्रदान करता है  यह सब हमारे वेदों में लिखा हुआ है लेकिन  कहते हैं गुरु विन  वेद पढ़े जो प्राणी समझे नहीं सार रहे अज्ञानी अधिक जानकारी के लिए देखें साधना टीवी रोज 7:30 से 8:30 शाम को और दिन में देखिए दोपहर को श्रद्धा टीवी 2:00 बजे से 3:00 बजे तक और अनेक टीवी चैनलों पर 
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जगन्नाथ भगवान का मंदिर

  •  जगन्नाथ मंदिर की कथा         
21 ब्रह्मांड का स्वामी काल यह पहले सतलोक में रहा करता था इसने तप कर परमात्मा से  21 ब्रह्मांड लिए  है जैसे एक पुत्र अपने पिता से 21 प्लॉट दे देता है इन 21 ब्रह्मांड में जीव आत्माएं नहीं थी तब फिर जोत निरंजन ने अपने पिता से जीवात्माए   मांगी परमात्मा वचनबद्ध होकर इसे जीवात्मा दे देते हैं जीव आत्माएं भी इसलिए देनी पड़ी कि वह जीवात्माए  अपने पति बरता पद से गिर चुकी थी परमात्मा के बार-बार मना करने के बाद भी हम सभी जीव आत्माएं इस काल पर आसक्त हो गए जिसे जोत निरंजन भी कहते हैं काल भगवान भी कहते हैं परमात्मा ने सतलोक में ही इसे रहने का स्थान बता दिया था सबसे पहले जो जीवात्मा जोत निरंजन के साथ आने के लिए कदम उठाई थी उसका नाम दुर्गा व कन्या का रूप परमात्मा ने दिया उस कन्या को परमात्मा ने आदेश दिया था कि आप जोत निरंजन की सृष्टि में सहायता करेंगी जितनी जीव आत्मा जोत निरंजन को चाहिए  देंगी जोत निरंजन ने उसका सुंदर रूप देखकर उसके साथ गलत व्यवहार किया किया जिससे हम वहां से निकाल दिए गए वह परमात्मा जिसने सभी ब्रह्मणों की रचना की है वह कबीर देव है वह सतलोक में रहता है यह काल अपने 21 ब्रह्मांड में अपना हुकम चलाता है अपना राज करता है यहां पर उस पूर्ण परमात्मा की जीवात्मा इस काल के जाल में फंसी हुई है वह काल इनके साथ दुर्व्यवहार करता है इस कारण एक बार परमात्मा दुखी होकर इसके पास आए परमात्मा को देखकर काल भयभीत हो गया और परमात्मा को मारना चाहा अंतर्यामी को कौन मार सकता है परमात्मा ने उसकी पिटाई की पिटाई खाने के बाद वह जोत निरंजन परमात्मा से माफी मांगा और बोला  परमात्मा आप मेरे इस ब्रह्मांड को मत उजाडो  और आप यहां से जीव आत्माएं अपनी बना के ले जाना आप संसार में जाओ और अपना ज्ञान प्रचार करो लेकिन अपना बना कर ही ले जाना जो अपना नहीं बनेगा वह मेरे जाल में ही रहेगा और परमात्मा से यह कहा था कि परमात्मा मेरा पुत्र विष्णु त्रेता युग में पृथ्वी पर मेरे हुक्म के अनुसार लीला करेगा तब समुद्र उसको रास्ता नहीं देगा तो आप समुद्र में पुल बनवा देना तथा कलयुग में समुद्र अपना बदला लेना चाहेगा श्री कृष्ण के मंदिर को नहीं बनने देगा बार-बार तोड़ेगा तो आप मंदिर बनवा देना परमात्मा ने कहा ठीक है और वह अंतर्ध्यान हो गए अपने वचन के अनुसार परमात्मा त्रेता युग में मुनींद्र ऋषि के रूप में आए नल और नीर नामक दो अपने भक्तों से वह  राम सेतु पुल बनवाया और अंतर्ध्यान हो गए फिर  कलयुग में परमात्मा ओडिशा पुरी में प्रकट होकर समुद्र के सामने एक चबूतरा बनवाया वह चबूतरा आज भी मौजूद है उस चबूतरे पर स्वयं परमात्मा साधु रूप बनाकर विराजमान हुए और समुद्र को आदेश दिया कि आप भगवान श्री कृष्ण की खाली पड़ी द्वारकापुरी को डुबोकर अपना प्रतिशोध ले सकते हो परमात्मा कबीर साहिब ने वह मंदिर बनवा कर आदेश दिया था कि इस मंदिर में किसी प्रकार का पाखंडवाद नहीं होगा नहीं इस मंदिर में मूर्ति पूजा होगी मूर्ति सिर्फ दर्शनार्थ होगी वह मूर्ति भी स्वयं पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब ने ही बनाई थी कबीर परमात्मा एक कमरे में बंद होकर अपनी लीला अनुसार मूर्ति बना रहे थे तभी गोरखनाथ जी अपनी सिद्धि से वहां आ जाते हैं और कहते हैं कमरे को खोल कर देखो कारीगर कैसी  मूर्ति बना रहा है कमरे को खोलकर देखा तो परमात्मा अंतर्ध्यान हो गए और मूर्ति आधी अधूरी रह गई वही आधी अधूरी मूर्ति वहां पर स्थापित कर दी गई अधिक जानकारी के लिए देखिए साधना टीवी 7:30 से 8:30 रात को व पढ़िए ज्ञान गंगा पुस्तक व अनेक पुस्तकें भी संत रामपाल जी महाराज के आश्रम से पूरे संसार में सेवा की जाती है जिनका नाम अलग-अलग हो सकता है 

Wednesday, July 15, 2020

वास्तव में मानव कौन कहलाता है

  • Wastav me insaan kaun hain
  • वैसे तो परमेश्वर ने हर मनुष्य को इंसान बना कर भेजा है मगर इंसान अपने गलत कर्मों के कारण यहां पर अलग-अलग प्रकार के वर्णों में बट गया है इसलिए यहां पर यह कहा गया है कि वास्तव में इंसान कौन है    वास्तव में परमेश्वर का बताया वह मार्ग कैसा है और उसे मार्ग की कैसे खोज करें वह मार्ग कौन बता सकता है और उसका कहां विवरण मिलता है यह सब जो जान लेता है वह इंसान है लेकिन हमारे समाज में बताने वालों की संख्या बहुत कम है ना के बराबर है जी हां हमें परमेश्वर का वह सच्चा मार्ग कहां मिलेगा परमेश्वर का वह सच्चा मार गए हमें हमारे आदरणीय सद ग्रंथों से ही मिलता है जैसे ईसाई धर्म में पवित्र बाइबल जैन धर्म में जैन धर्म की पुस्तकें और मुस्लिम धर्म में मुस्लिम धर्म के पवित्र किताब में जैसे कुरान है तो रेत है जी बोल है अजीब है इन सभी धार्मिक पुस्तकों में परमात्मा का मार्ग बताया गया है लेकिन मानव समाज में धर्म गुरुओं के द्वारा उनकी सभी किताबों को अच्छे से नहीं समझ कर उन सभी किताबों का अनर्थ ही किया है उन सभी किताबों में यह एक परमात्मा की व्याख्या की गई है लेकिन मानव समाज को अनेक परमात्मा बताए गए हैं हिंदुओं में 33 करोड़ देवता और शेख ईसाइयों में अनेक प्रकार के गुण बताएं हैं जबकि हम सबका मालिक एक ही है अगर मालिक एक है तो उसे पाने का रास्ता भी एक ही होना चाहिए उसकी भक्ति विधि एक होनी चाहिए और सभी धर्मों के धर्म गुरुओं का पंथ भी एक ही होना चाहिए उनके मंत्र भी एक ही होना चाहिए और सभी धर्म गुरुओं के शिष्य जिसे धार्मिक समुदाय कहते हैं वह भी सब का एक ही होना चाहिए जी हां इन धर्मगुरुओं की वजह से ही आज पूरे विश्व में अनेक धर्म बने हुए हैं जिनका रास्ता भी अलग-अलग है वास्तव में इंसान वही है जो धर्मों से ऊपर उठकर आपस में सबको भाई भाई माने वही सच्चा इंसान है तथा धार्मिक ग्रंथों के अनुसार उसे एक भगवान की आराधना करें अब बात आती है उसे एक भगवान का नाम क्या है जी हां संत रामपाल जी महाराज ने बताया है सभी शास्त्रों को पढ़कर प्रमाण सहित पढ़कर विद प्रूफ बताया है कि उस परमात्मा का नाम कबीर भगवान है गीता बाइबल कुरान गुरु ग्रंथ साहिब सब उसे एक कबीर नामक परमात्मा की तरफ ही इशारा करते हैं जो उस कबीर अल्लाह के अलावा और किसी को ना मानता हो उस कबीर परमात्मा को सर्वशक्तिमान परमात्मा मानता हो और उससे डर कर सारे कार्यकर्ता हो वास्तव में वह इंसान है क्यों इंसान वही होता है जो भगवान से डरकर काम करें भगवान से डरने वाला इंसान कभी भी मांस मछली अंडे का सेवन नहीं कर सकता और नहीं शराब पी सकता है तथा हर रोज परमात्मा का सिमरन करता है जिससे परमात्मा उससे खुश होता है वास्तव में सच्चा भगवान का भगत है वही है जो उस कबीर नामक परमात्मा की शास्त्र अनुकूल साधना करता हो वह परमात्मा जो साड़ी फैक्ट्री का अर्थ धार है उसका नाम कबीर है पढ़िए संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखी पुस्तक ज्ञान गंगा व पुस्तक जीने की राह   

Friday, July 10, 2020

मारा गया विकास दुबे

सूत्रों के मुताबिक  विकास दुबे को उज्जैन मंदिर महाकाल से गिरफ्तार करके एसटीएफ की टीम कोर्ट में पेश होने के लिए ले जा रही थी रास्ते में ही उनकी कार पलट गई कार पलटने के बाद जैसे तैसे करके वह कार से बाहर निकला और एक सिपाही की पिस्तौल छीन कर भाग रहा था और वह काफी दूर भाग भी गया जवानों के रोकने के बाद वह नहीं रुका इसके जवाब में जवानों ने उस पर गोली मार दी विकास दुबे 8 पुलिस वालों का हत्यारा था व
उस पर कई धाराएं भी लगी हुई है

Tuesday, July 7, 2020

सावन में क्या खाना चाहिए


  • सावन का व्रत कितना फायदेमंद होता है             



व्रत रखना वैज्ञानिकों के अनुसार फायदेमंद है पर व्रत के साथ-साथ शारीरिक क्षमता भी होनी चाहिए व्रत आपकी शारीरिक क्षमता पर निर्भर करता है शारीरिक क्षमता व आपकी आस्था के ऊपर निर्भर है अगर आपकी उम्र ज्यादा है तो व्रत रखने में डॉक्टरों की सलाह जरूर लेनी चाहिए अगर डॉक्टर आपको शरीर के अनुसार व्रत रखने की सलाह दें तो ही व्रत रखें लोगों का मानना है कि व्रत रखना जरूरी है लेकिन आज के इस युग में बीमारी का पता नहीं है और बीमारी के अलावा अगर आपका शरीर भी कमजोर है तो भी व्रत चिकित्सक की देखरेख में ही करें
 व्रत कैसे करें
आज सभी मानव समाज शिक्षित है पूरे मानव समाज को चाहिए कि धार्मिक अनुष्ठान के अनुसार व्रत कैसे करें वैसे तो व्रत का मतलब खाना खाने से नहीं है वर्क का मतलब है प्रण करना प्रतिज्ञा करना
सावन का व्रत कितना फायदेमंद है सावन का  व्रत बहुत फायदेमंद है अगर मनुष्य जरा सी सोच रखता हो तो व्रत का मतलब होता है पर ऑन करना प्रतिज्ञा करना हमें प्रतिज्ञा करनी है कि हम प्रकृति से कभी खिलवाड़ न करें प्रकृति को साफ सुथरी रखें पर्यावरण को प्रदूषित में करें जिससे प्राणियों को जटिल बीमारियों का सामना नहीं करना पड़े उस समय पर वर्षा हो और सतयुग जैसा माहौल  पृथ्वी पर बने  
बिल्कुल भोजन ना करने को वर्तमान ना मूर्ख लोगों की सोच है
  




सावन में शास्त्र अनुकूल साधना करें 
पढ़े लिखे लोगों को शास्त्र अनुकूल साधना करनी चाहिए हमारे सभी धर्म ग्रंथों में पुराणों में वेदों में क्या लिखा है उसका गहनता से अध्ययन करना चाहिए क्या परमात्मा की प्राप्ति के लिए श्रावण में व्रत रखने से व भोजन ना करने से ही ईश्वर की प्राप्ति हो सकती है यह सब हमारे धार्मिक सद ग्रंथों में वर्णित है जी हां मैंने संत रामपाल जी महाराज का सत्संग टीवी पर देखा है और उनकी लिखित किताबें पढ़ी है उन किताबों में ईश्वर प्राप्ति के बहुत अच्छे समाधान बताए गए हैं ईश्वर प्राप्ति के लिए हम देखा देखी भक्ति करते हैं इससे न तो हमें कोई मोक्ष मिलता और न ही किसी प्रकार की बीमारी का और पापों का नाश होता क्योंकि बीमारियां पिछले जन्म के संस्कारों के कारण ही आती है पिछले जन्म का कोई पाप फलता है तो हमारे घर में बीमारी दुख कलेश महामारी जैसे संकट हमारे ऊपर आते हैं  संत रामपाल जी महाराज ने सभी ग्रंथों को खोलकर बता दिया कि वह परमात्मा कबीर देव है कबीर देव सभी ब्रह्मडों  के ऊपर निवास करते हैं वे मानव जैसे ही हैं बहुत बड़े मकान में अपने घर में रहते हैं वहां के लोक की शोभा  अवर्णित है कहने का तात्पर्य है कि उस लोक की जितनी महिमा की जाए उतना ही कम है वह लोक बहुत सुंदर है वह परमात्मा भी बहुत सुंदर है और वह परमात्मा चारों युगों में आते हैं इस समय वह कबीर परमात्मा संत रामपाल जी महाराज के रूप में पृथ्वी पर आए हुए हैं सिर्फ हमें पहचानने की जरूरत है और पहचाना ज्ञान से जा सकता है हम उनकी किताबों को पढ़ें  और ज्ञान को समझेंगे तो हम आसानी से उस परमपिता को पहचान सकते है 

Tuesday, June 23, 2020

भगवान जगन्नाथ का मंदिर समुद्र द्वारा बार-बार नष्ट कर दिया जाता था कबीर साहिब ने आकर मंदिर बनवाया वह समुद्र को रोका

jagnnath bhagwan

जोत निरंजन ने कबीर परमात्मा से कलयुग में जगन्नाथ पुरी का मंदिर बनवाने का वादा किया था जी हां यह बात चाहे अटपटा लगे लेकिन कबीर सागर में प्रमाण है इसे तो चारों वेदों में भी प्रमाण है कुरान शरीफ में और बाइबिल में गुरु ग्रंथ साहिब में भी प्रमाण है कि वह परमात्मा कबीर देव है उसे सृष्टि के मालिक ने ही जोत निरंजन के प्रार्थना करने पर उड़ीसा में जगन्नाथ भगवान का मंदिर बनवाया था जब समुद्र बार-बार जगन्नाथ मंदिर को तोड़ रहा था और बोल रहा था की राम अवतार में राम ने मुझे मारा मुझे धमकाया पीटा इसका बदला लेने के लिए मैं इसके मंदिर को तोड़ रहा हूं फिर कबीर साहिब ने एक ऋषि का वेश बनाकर उस समुद्र के सामने चबूतरा बनाकर भक्ति करने बैठे हो और समुद्र को कहा कि अब मेरा हुक्म है कि आप समुद्र नहीं तोड़ोगे मेरे हुकम से आप द्वार क्या खोजा करंट वह दो वहां पर कोई नहीं रहता है तब समुद्र में भगवान की द्वारका को नष्ट कर दिया था जगन्नाथ पुरी के मंदिर में मूर्ति पूजा का कोई विधान नहीं था  मूर्ति सिर्फ दर्शनार्थ  लगाए जाने थे  परमात्मा कबीर देव ने  एक शिल्पकार का रूप बनाकर मूर्ति की रचना भी उन्होंने ही की थी बीच में गोरखनाथ आ गए थे  और उन्होंने  कार्य कर को बीच में ही दखल बाजी दे दी इससे वह मूर्ति अधूरी रह गई थी अधिक जानकारी के लिए padhiye Pustak Gyan Ganga वह देखिए साधना टीवी 7:30 से 8:30 और शाम  #History_Of_JagannathTemple

Sunday, June 21, 2020

shiv

 क्या शिवजी अमर परमात्मा है क्या शिव जी की जन्म मृत्यु भी होती है और शिव जी किस मंत्र से प्रसन्न होते हैं जिससे जिओ का कल्याण संभव है अधिक जानकारी के लिए  देखिए साधनााााा टीवी 7:30 से 30 30 रोज शाम को

Saturday, June 20, 2020

goga

 विश्व में अधिकतर जनता गरीब है जो रोज मेहनत करती है उन लोगों को योग करने की कोई जरूरत नहीं पड़ती है योग की जरूरत  उन लोगों को पड़ती है जो शारीरिक मेहनत कम करते हैं तो जो शारीरिक श्रम कम करते हैं उनको चाहिए कि वह नियमित योग करें क्योंकि शरीर का संतुलन बनाए रखने के लिए शरीर से मेहनत करवाना भी जरूरी है अगर इस शरीर से मेहनत नहीं करेंगे तो यह शरीर कई दुखों का घर हो जाता है शरीर से श्रम करते करते अगर मनुष्य कबीर साहेब की भक्ति करें तो शरीर में कोई रोग नहीं रहेगा और मनुष्य जीवन भी सुखी होगा 

www.jagatgururampalji.org      


Sunday, May 24, 2020

love

जब ननद (पति की बहन)   ससुराल से पीहर आती है तो उसकी भाभी उसकी तरफ मुंह मोड़ ती  है और मन में दुखी होती है क्योंकि वह जब भी आती है तो दो ₹4000 अपने पति के खर्च करवाती है पति के पास इतनी आमदनी नहीं होती है घर का खर्चा ही मुश्किल से चल पाता है ऐसे में दर्द को भी लेना देना पड़ता है इसी कारण से भाभी मन में दुखी होती है लेकिन इसका समाधान है इसका समाधान यही है की विवाह शादियों में बिना दहेज के शादियां की जाए और यह लेनदेन की प्रथा समाप्त की जाए क्योंकि लेनदेन के चक्कर में है गरीब परिवार उजड़ जाते हैं जब ए बेटी को 20 वर्ष की करके ससुराल भेजने वाला पिता सब कुछ है बैटरी के लगा देता है तो उसके पास देने के लिए क्या बचता है यह सबकी अपनी अपनी सोच होती है नहीं तो ना नदी भी अपने घर की मालिक ना होती है उसको भी तो पता होता है कि पैसा इतने कठिन कमाया जाता है फिर ननद भी अपने भाई से पैसा नहीं मांगेगी और इज्जत के साथ आएगी और इज्जत के साथ ही चली जाएगी जब बहन बेटियों को दहेज देना  बंद करेंगे तो प्यार बढ़ेगा दहेज समाज का दुश्मन है

Marriage

संत रामपाल जी के शिष्य करतहै दहेज रहित शादी बिना किसी आडम्बर के बिना किसी दिखावे के एक तरफ लोगो के लाखो रूपये का दहेज देने के बावदूद भी बेट...